श्री पीतांबरा पीठ : मंत्र और तंत्र का अनुसंधान केंद्र
सौवर्णासन-संस्थितां त्रि-नयनां पीतांशुकोल्लासिनीम्,हेमाभाङ्ग-रुचिं शशाङ्क-मुकुटां स्त्रक्-चम्पक-स्त्रग्-युताम् । हस्तैर्मुद्गर - पाश - वज्र रसनां संविभ्रतीं भूषणैव्र्व्याप्ताङ्गीं बगला-मुखीं त्रि-जगतां संस्तम्भिनीं चिन्तये ।। प्राचीन दतिया के बाहर श्मशान और तालाब के दक्षिणी किनारे मेँ…